यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी UGC ने प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस नामक स्कीम की एक ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी की है
इस स्कीम के तहत कॉलेज और यूनिवर्सिटी में बिना पीएचडी डिग्री के अनुभव के आधार पर प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी
इस स्कीम में डिग्री की जगह अनुभव को महत्व दिया गया है जिससे विद्यार्थियों को अनुभवी प्रोफेसर से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिले
अनुभव के रूप में अध्यापक को अपनी फील्ड में कम से कम 15 वर्ष का अनुभव प्राप्त होना चाहिए
यह नियुक्ति अधिक से अधिक 4 वर्ष के लिए किए जाएगी शुरुआत में यह नियुक्ति 1 वर्ष के लिए होगी
1 वर्ष के पश्चात कॉलेज या यूनिवर्सिटी मूल्यांकन करेगा कि अगले वर्ष के लिए उन्हें नियुक्त करना है या नहीं
एक प्रोफेसर एक कॉलेज में 3 वर्ष ही रुक सकता है अधिक से अधिक 1 वर्ष और बढ़ाया जा सकता है
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