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धर्म की है दिवाली ?
(kitne dharm manate diwali)जैसा कि आप सभी जानते है दिवाली भारत मे धूमधाम से मनाया जाने वाला वर्ष का सबसे बड़ा त्योहार है। आज हम बताने जा रहे है कि कितने धर्म मनाते है दिवाली(kitne dharm manate diwali)? इस दिन लक्ष्मी की पूजा होती है। लोग घरो मे घी के दीयों से दीप माला करते है। सभी के घरो मे तरह तरह के पकवान बनाए जाते है। लोग एक दूसरे के साथ मिठाईया बाटते हुये खुशिया सांझी करते है।
क्यो मनाई जाती है दिवाली ?
इस दिन के बहुत से प्राचीन इतिहास है।हिन्दू धर्म मे इस दिन भगवान श्री राम ने लंका पति रावण पर विजय प्राप्त कर वापिस अयोध्या लौटे थे, उनके आगमन पर अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जला कर उनका स्वागत किया था ।
कुछ लोगो का मानना है कि दिवाली सिर्फ इसी वजह से मनाई जाती है, और बाकी धर्म हिन्दू धर्म की इसी खुशी को दिवाली के रूप मे मनाते है। लेकिन उन सब की गलत फहमी को दूर करते हुये आज में आप के साथ दिवाली का इतिहास साझा करते हुये ये बताने जा रहे है कि हिन्दू धर्म के साथ साथ और कौन कौन से धर्मो का इतिहास दिवाली से संबन्धित है।
कितने धर्म मनाते है दिवाली?
(kitne dharm manate hai diwali)
जैसा आप जानते ही है कि हिन्दू धर्म का दिवाली के त्योहार से गहरा संबंध है। इसी तरह कुछ और धर्म भी है जिनका इतिहास दिवाली के दिन से संबंधित है। हिन्दू धर्म के साथ सिख धर्म, जैन धर्म और बुद्ध धर्म भी दिवाली के इस दिन से जुड़े हुये है और इस दिन को हर वर्ष त्योहार के रूप मे मनाते है।
तो आपको हम इन सभी धर्मो के उस इतिहास के बारे मे बताने जा रहे है कि ये सब धर्म किस वजह से इस दिन को एक त्योहार के रूप मे मनाते है।
सिख क्यों मनाते है दिवाली?
इस दिन सिख धर्म के छेवें गुरु श्री हर गोबिन्द जी की रिहाई हुयी थी। मुगल बादशाह जहांगीर ने उन्हे 52 हिन्दू राजाओ के साथ ग्वालियर किले मे कैद किया हुआ था। दिवाली के इसी दिन उनकी रिहाई उन 52 हिन्दू राजाओ के साथ हुयी थी। और उनकी अमृतसर वापसी पर घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया गया था। इस दिन को सिख धर्म बंदी छोड़ दिवस के रूप मे मनाता है। 52 हिन्दू राजाओ के साथ होने के कारण हिन्दू धर्म का इतिहास दिवाली के साथ साथ बंदी छोड़ दिवस के साथ भी जुड़ा हुआ है। बंदी छोड़ दिवस का इतिहास जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
जैन धर्म मे क्यों मनाते है दिवाली?
जैन धर्म मे भी इस दिन का खास महत्व है। जैन धर्म मे 527 ईसा पूर्व इनके 24वें तीर्थकर भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी । इसके साथ ही महावीर जी के मुख्य गणधर गौतम स्वामी को ज्ञान की प्राप्ति हुयी थी। इसलिए भगवान महावीर को निर्वाण प्राप्त होने और स्वामी गौतम को ज्ञान प्राप्त होने पर जैन धर्म के लोगो ने इसी दिन कार्तिक मास की रात को दीपक जला कर खुशिया मनाई थी। इसीलिए दीवाली के त्योहार को विशेष रूप से महावीर जी के निर्वाणोंत्स्व को याद करते हुये मनाया जाता है।
बौद्ध धर्म मे क्यों मनाते है दिवाली?
बौद्ध धर्म मे बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध जी जब ज्ञान प्राप्त कर 17 वर्ष बाद अनुयायीयों के साथ अपने घर कपिल वस्तु मे लौटे थे । तब उनके स्वागत मे उनके नगर वासियों ने लाखो हजारो दीपक जलाए थे। तब से बौद्ध धर्म मे इस दिन को दीये जला कर रोशनी के साथ धूमधाम से मनाया जाता है।
हिन्दू धर्म क्यों मनाता है दिवाली?
जैसा कि आप सभी जानते ही है कि दिवाली हिन्दू धर्म का मुख्य त्योहार है। इसका मुख्य इतिहास जो कि श्री राम जी के अयोध्या वापसी पर वहाँ के निवासियों ने उनके स्वागत मे दीपक जलाए थे , वो हम आपको पहले ही बता चुके है। उसके अलावा और भी कुछ इतिहास है जो हिन्दू धर्म के साथ इस दिन को लेकर जुड़े हुये है।
- इस दिन से एक दिन पहिले श्री कृष्ण जी ने आताताई नराकसुर जैसे अति दुष्ट राक्षस का वध किया था। इस दुष्ट का वध होने से व्रज वासी प्रसन्न हुये थे। और इस बात कि खुशी मे ही अगले दिन यानि कार्तिक की आमवास्या को पूरे गोकुल मे दीपक जलाए थे।
- जब माँ देवी जी ने महाकाली का रूप धारण कर के राक्षसों का वध किया और उन राक्षसों का वध करने के बाद जब उनका क्रोध शांत हुआ था तभी से इसी याद मे माँ लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई थी।
- इसी दिन भगवान विष्णु जी ने वामन रूप धारण कर महाप्रतापी राजा बलि से तीनों लोक अपने तीन पग मे नाप कर वापिस ले लिए थे। राजा के दान से प्रभावित होकर पाताल लोक उन्हे वापिस देते हुये उन्हे यह भी वचन दिया कि भू लोक पर सब उन्हे प्रत्येक वर्ष दिवाली मनाकर याद किया करेंगे।
ऐसे ही दोस्तो हिन्दू धर्म के और भी बहुत इतिहास है जो दिवाली के इस दिन से जुड़े हुये है, जैसे कि मोहनजोदरों साक्ष्य, स्वामी रामतीर्थ आदि सब है। कुल मिला सभी धर्मो को नजर मे रखते हुये यह कहा जा सकता है कि यह पर्व हर एक धर्म के लिए महत्वपूरण है।
इन्ही सभी वजहों के कारण ये दीयों का त्योहार भारत मे सबसे ज्यादा उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन हर एक घर दीयों और मोमबत्तियों के साथ जगमगा रहा होता है। इस दिन हर घर मे मिठाई और तरह तरह के पकवान बनाए जाते है। घरो मे सुंदर रंगोलिया बनाई जाती है।
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सिर्फ भारत मे ही नही मनाई जाती दिवाली
जैसा कि दिवाली भारत का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्योहार है। लेकिन भारत के साथ साथ इस त्योहार का असर विदेशो मे भी देखने को मिलता है। विदेशो जैसे कि ऑस्ट्रेलिया, USA, इंग्लैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड जर्मनी,इटली आदि देशो मे वहाँ के नागरिक भारतीय प्रवासियों का सम्मान करते हुए उनके साथ मिलजुल कर मनाते है।
दिवाली के अवसर पर भारत के साथ साथ पाकिस्तान,फिजी,सिंगापूर,श्रीलंका,गुयाना,त्रिनिदाद,मरीशस,म्यांमार,टोबैगो, सूरीनाम और ऑस्ट्रेलिया की सीमा पर मौजूद क्रिसमिस द्वीप सभी मे एक सरकारी छुट्टी होती है। इस तरह दिवाली पूरी दुनिया मे मनाया जाता है॥
तो दोस्तो , आपको हमारा यह दिवाली के इतिहास की जानकारी का पोस्ट कैसा लगा? हमारी इस इतिहास भरी जानकारी को अपने मित्रो को साथ साझा कर हमारी मेहनत को सफल बनाए। अगर आपको हमारी जानकारी मे कुछ त्रुटि लगती है तो कृपा कर के अपना कीमती सुझाव हमे जरूर दें ।
। । आप सभी को हमारी ABC-जानकारी टीम तरफ से आपको और आपके पूरे परिवार को दिवाली की शुभकामनाए । ।