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हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का अहम योगदान होता है। जीवन के शुरुआत में मां व्यक्ति की प्रथम शिक्षक होती है। वहीं स्कूल में अध्यापक व्यक्ति के जीवन को सवारने में अहम भूमिका अदा करते हैं। हर व्यक्ति जीवन भर अपने शिक्षकों के योगदान को कभी नहीं भूलता और सदैव उनका सम्मान करता है।
वैसे तो प्रत्येक दिन ही शिक्षक आदरणीय होते हैं, लेकिन प्रतिवर्ष 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्कूल में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के भाषणों कविताओं और अपने पसंदीदा टीचरों को एक गिफ्ट देकर सम्मानित करते हैं।
अगर आप भारत में मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस के इतिहास, मनाए जाने के तरीके, शिक्षक दिवस पर भाषण तैयार करने की विधि आदि के बारे में जानना चाहते हैं। तो आपको हमारे इस लेख में शिक्षक दिवस पर निबंध, भाषण, इतिहास आदि से संबंधित विस्तारित जानकारी दी गई है। शिक्षक दिवस से संबंधित हर प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
अगर आप शिक्षक दिवस की शुभकामनाओं से संबंधित कविताओं और शायरियों के लिए इस पोस्ट पर आए हैं। तो आपके लिए आर्टिकल के अंत में शिक्षक दिवस पर आधारित कविताएं और शायरियां तस्वीर सहित दी गई हैं। आप उन्हें डाउनलोड कर व्हाट्सएप और फेसबुक पर प्रयोग कर सकते हैं।
शिक्षक दिवस पर भाषण और भाषण के दौरान बोले जाने वाली कविता और शायरी से संबंधित जानकारी प्राप्त करने से पहले, शिक्षक दिवस पर निबंध के माध्यम से शिक्षक दिवस कब क्यों और कैसे मनाया जाता है इन सभी की जानकारी प्राप्त करते हैं।
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शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay on Teachers day in hindi
शिक्षा मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण अंग होती है। शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन अंधकार भरा होता है। किसी भी इमारत का मजबूत होना उसकी मजबूत नींव पर निर्भर करता है। उसी प्रकार शिक्षक ही विद्यार्थी के जीवन की नींव को शिक्षा के माध्यम से मजबूत करता है।
प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षा प्राप्त करने हेतु शिक्षक का अहम योगदान होता है। शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है, जो विद्यार्थी को पूर्ण रूप से सफल इंसान बनाने में सबसे अधिक सहायता करता है।
शिक्षक दिवस का महत्व | Importance of Teachers day
शिक्षक दिवस और शिक्षा के महत्व को जानने के लिए प्राचीन काल के भारत की चर्चा करनी आवश्यक है। गुरु शिष्य आदर्श की परंपरा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है। चीन काल में शिक्षा प्राप्त करने हेतु बड़े-बड़े राजाओं महाराजाओं के पुत्रों को वनों में ऋषि मुनियों के आश्रम में रहना पड़ता था। उन आश्रमों में रहते हुए वह विभिन्न प्रकार की विद्याओं के साथ-साथ अपने गुरु का सम्मान करना, बड़ों का आदर करना आदि नैतिक जीवन की महत्वपूर्ण इकाइयों की शिक्षा प्राप्त करते थे।
प्राचीन काल में विद्या पूरी हो जाने के पश्चात शिष्य के द्वारा गुरु को दक्षिणा देनी होती थी। शिष्य गुरु की इस दक्षिणा को पूरा करना अपना कर्तव्य समझते थे। आपने एकलव्य और आरुणि जैसे शिष्यों के बारे में तो सुना ही होगा। जिन्होंने अपनी परवाह ना करते हुए गुरु दक्षिणा के रूप में अपने गुरु के वचन को पूरा किया था।
वहीं वर्तमान के समय में प्राचीन काल वाली बात नहीं रह गई है। बढ़ती विज्ञान के कारण अब शहरों तथा गांव में ही स्कूल बन गए हैं। जिसमें शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करते हैं और गुरु दक्षिणा के रूप में फीस लेते हैं।
वही आदर सम्मान की बात करें तो आजकल विद्यार्थियों के मन में अध्यापकों के प्रति सम्मान प्राचीन काल की तुलना में बहुत कम है।
वर्तमान युग में इन्हीं कारणों की वजह से शिक्षकों के सम्मान के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाना बहुत आवश्यक है। शिक्षक दिवस के माध्यम से विद्यार्थियों को उनके जीवन में अध्यापकों के महत्व से रूबरू कराया जाता है। शिक्षक दिवस के माध्यम से भारत के प्राचीन काल की गुरु शिष्य आदर को जीवित रखने का प्रयास किया जाता है।
शिक्षक दिवस का इतिहास | History of Teachers day in Hindi
दुनिया भर में शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। भारत में सर्वप्रथम शिक्षक दिवस पर 1962 में मनाया गया था। भारतीय शिक्षक दिवस का इतिहास भारत के पहले उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन से जुड़ा हुआ है।
शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है
भारत में शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत 1962 में हुई थी। अन्य देशों में विभिन्न तिथियों पर शिक्षक दिवस को मनाया जाता है। उन सभी देशों के नाम और तिथि का विवरण नीचे दिया गया है।
देश का नाम | तारीख |
यूके | 5 अक्टूबर |
पाकिस्तान | 5 अक्टूबर |
श्रीलंका | 6 अक्टूबर |
मलेशिया | 16 मई |
यूएसए | मई के पहले हफ्ते में नेशनल टीचर वीक मनाया जाता है |
ईरान | 2 मई |
जर्मनी | 5 अक्टूबर |
ऑस्ट्रेलिया | अक्टूबर के आखिरी शुक्रवार |
ग्रीस | 30 जनवरी |
चाइना | 10 सितम्बर |
बांग्लादेश | 5 अक्टूबर |
शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है
भारत में शिक्षक दिवस के इतिहास की बात करें तो यह प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति का जन्म हुआ था। उपराष्ट्रपति बनने से पहले एक शिक्षक थे। जब वे राष्ट्रपति बने हुए थे, तब उनके चाहने वाले मित्र गणों ने उनका जन्मदिन मनाना चाहा। तब उन्होंने कहा कि अगर इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे ज्यादा खुशी होगी। तब से लेकर आज तक भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे
जैसा कि नाम से ही पता लगता है, उन्हें डॉक्टर की उपाधि प्राप्त थी। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत रूचि थी। उन्होंने अपने जीवन के लगभग 40 वर्ष शिक्षा के क्षेत्र को समर्पित कर दिए। भारत के आजाद होने के पश्चात उन्हें भारत के पहले राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बाद में उन्हें भारत का दूसरा राष्ट्रपति भी बनाया गया। शिक्षा को 40 वर्ष समर्पित करने की वजह से डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की इच्छा को पूरी करते हुए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है
शिक्षक दिवस लगभग सभी स्कूलों में मनाया जाता है। इस दिन स्कूल की छुट्टी होती है यानी स्कूल में पढ़ाई के कार्य नहीं होते हैं। शिक्षक दिवस के उपलक्ष में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में स्कूल के ही विद्यार्थी भाग लेते हैं। विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के भाषणों, कविताओं और एकांकीयों के माध्यम से अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं।
इस दिन विद्यार्थी अपने पसंदीदा अध्यापकों को विभिन्न प्रकार के छोटे-मोटे गिफ्ट देकर उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हैं। इस दिन विद्यार्थी शिक्षकों के सम खुले मन से शिक्षकों के प्रति अपने विचारों को साझा करते हैं।
कुछ स्कूलों में कक्षाओं के छात्रों को छोटी कक्षाओं में अध्यापक के तौर पर पढ़ाने का अवसर प्रदान किया जाता है। जिससे उन विद्यार्थियों को शिक्षक का अनुभव प्राप्त हो सके और भी महसूस कर सकें कि शिक्षक किस प्रकार से कक्षा में शिक्षा प्रदान करता है।
शिक्षक दिवस पर भाषण कैसे तैयार करें
शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में कविताओं और एकांकी के साथ-साथ भाषण भी प्रस्तुत किए जाते हैं। ऐसे में विद्यार्थी भाषण को तैयार करने के लिए सबसे ज्यादा चिंतित होते हैं। अधिकतर विद्यार्थी गूगल या यूट्यूब से पहले से किसी के द्वारा लिखा हुआ कोई भाषण को कॉपी कर लेते हैं।
विद्यार्थी को अपने विचारों को प्रकट करते हुए स्वयं भाषण तैयार करना चाहिए। क्योंकि दूसरे के द्वारा लिखा गया भाषण मंच पर श्रोताओं को आकर्षित करने में सक्षम नहीं रहता है।
विद्यार्थियों को शिक्षकों के प्रति अपने स्वयं के विचारों को अपने भाषण में व्यवस्थित तरीके से प्रकट प्रकट करना आवश्यक है। अगर विद्यार्थी स्वयं भाषण तैयार करेंगे तो उन्हें भाषण लिखने और उसे व्यवस्थित करने का अभ्यास होगा। जो आगे चलकर भविष्य में मददगार साबित होगा।
विद्यार्थियों की मदद के लिए यहां हम चरणबद्ध तरीके से शिक्षक दिवस पर भाषण तैयार करने की विधि बता रहे हैं।
शिक्षक दिवस पर भाषण तैयार करने की विधि
- भाषण की शुरुआत करने से पहले कोई अच्छी सी कविता या दोहे को अवश्य पढ़ें।
उदाहरण:- शिक्षक ऐसा होत है, जैसे शीतल नीर,
प्यास बुझा दे ज्ञान की, हर ले सारी पीर
- वहां पर आए हुए मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य सभी शिक्षकों कथा विद्यार्थियों का अभिनंदन करें और शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दें।
उदाहरण:- आदरणीय मुख्य अतिथि जी, प्राधानचार्य महोदय, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों, सर्वप्रथम आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
- मंच पर भाषण देने का अवसर प्राप्त होने के कारण मंच संचालक को आभार प्रकट करें।
उदाहरण:- मुझे बोलने का अवसर प्रदान करने के लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं।
- सभी के एकत्रित होने का कारण बताते हुए शिक्षक दिवस पर अपने विचार रखें।
उदाहरण:- जैसा कि आप सभी जानते ही हैं, आज हम यहां शिक्षक दिवस मनाने हेतु एकत्रित हुए हैं। जीवन में गुरु और शिष्य का रिश्ता………….
- अपने विचार रखते समय शिक्षक दिवस की इतिहास के बारे में संक्षिप्त जानकारी दें।
- डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में संक्षिप्त परिचय दें इनके परिचय को कुछ ही लाइनों में बयान करें। (इनके बारे में अधिक जानकारी देने के चक्कर में आप अपने मुख्य विषय शिक्षक दिवस से भटक सकते हैं)
- अपने विचारों को प्रकट करते समय डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिक्षा के प्रति एक या दो विचारों का सहारा ले।
उदाहरण:- राधा कृष्णन कहा करते थे कि शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें।
- अपने जीवन में शिक्षक का महत्व बताते हुए अपने साथियों तथा छोटे विद्यार्थियों को शिक्षकों का सम्मान करने का सुझाव दें।
उदाहरण:- शिक्षक निस्वार्थ हमारे जीवन को सवारने प्रण लेकर चलते हैं। हमें भी जीवन भर उन्हें अपना गुरु मानते हुए उनके प्रति हमेशा सम्मान प्रकट करना चाहिए।
- अपने भाषण को समाप्त करते हुए सभी का धन्यवाद अवश्य करें और पुनः शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दें।
उदाहरण:- मैं अपनी बात को अब यहीं पर समाप्त करता हूं। मेरे विचारों को धैर्य पूर्वक सुनने के लिए धन्यवाद।
आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
(अपने भाषण की समाप्ति को और आकर्षक बनाने के लिए अंत में दो से चार लाइनों की कोई कविता अवश्य पढ़ें)
अगर विद्यार्थी ऊपर बताए गए इन चरणबद्ध तरीके से अपना स्वयं का भाषण तैयार करते हैं, तो वह किसी के द्वारा तैयार किए गए भाषण से कई गुना अधिक आकर्षित होगा। इस प्रकार भाषण तैयार करने से विद्यार्थियों को भाषण लिखने और उन्हें मंच पर बोलने का अभ्यास भी होगा। आगे चलकर भी विद्यार्थी किसी भी प्रकार का भाषण तैयार करने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे।
भाषण के दौरान प्रयोग किए जाने वाली कविताएं और दोनों में से कुछ चुनिंदा नीचे दिए गए हैं। अपना भाषण तैयार करते समय विद्यार्थी इनमें से भी किसी कविता या शायरी का चयन कर सकते हैं।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । Teachers Day Wishes in Hindi
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के रूप में नीचे कुछ शायरियां और कविताएं दी गई हैं
गुरु का दर्जा उस रब से भी ऊंचा है,
गुरु समान कोई ना दूजा है,
वो रब कौन है ये गुरु ने ही बताया है,
अपने ज्ञान के प्रकाश से उसने पत्थर पर भी फूल खिलाया है
मेरी कलम जो आज इतना कुछ लिखती है, कुछ और नहीं मेरे गुरू की मेहनत दिखती हैं।
जिसे देता है हर व्यक्ति सम्मान,
जो करता है वीरों का निर्माण।
जो बनाता है इंसान को इंसान,
ऐसे गुरु को हम करते हैं प्रणाम।
सबसे अच्छा शिक्षक वही होता है,
जो आपके सवालों का जवाब देने के बजाय,
आपके भीतर स्वयं उत्तर खोजने की,
चिंगारी को जलाने में मदद करता है.
गुमनामी के अंधेरे में था,
पहचान बना दिया,
दुनिया के गम से मुझे,
अनजान बना दिया,
उनकी ऐसी कृपा हुई मुझ पर कि,
गुरु ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया.
हर राह आसान हो जाती है,
जब गुरु का साथ मिलता है,
फिर चाहे कितने ही आए जीवन में बदलाव,
गुरु के चरणों में ही आराम मिलता है.
गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार।
गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार।
गुरु का सद्सान्निध्य ही, जग में हैं उपहार।
प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार।
दिया ज्ञान का भंडार हमें,
किया भविष्य के लिए तैयार हमें,
हैं आभारी उन गुरुओं के हम,
जिन्होंने किया कृतज्ञ अपार हमें.
शिक्षक न देखे जात-पात, शिक्षक न करता पक्षपात
निर्धन हो या धनवान, शिक्षक के लिए सभी एक सामान
शिक्षक माझी नाव किनारा, शिक्षक डूबते के लिए सहारा
शिक्षक का सदा ही कहना, श्रम लगन है सच्चा गहना
अज्ञानता को दूर करके
ज्ञान की ज्योत जलाई है,
गुरुवर के चरणों में रहकर
हमने शिक्षा पाई है,
गलत राह पर भटके जब हम, तो गुरुवर ने राह दिखाई है।
माता देती है जीवन पिता देते हैं सुरक्षा पर शिक्षक सिखाता है जीना; जीवन एक सच्चा
गुरु का स्थान सबसे ऊंचा,
गुरु बिन कोई ना दूजा,
गुरु करें सबकी नाव पार,
गुरु की महिमा सबसे अपार।
शिक्षक है शिक्षा का सागर, शिक्षक बांटें ज्ञान बराबर,
शिक्षक मंदिर जैसी पूजा, माता – पिता का नाम हैं दूजा
प्यासे को जैसा मिलता पानी, शिक्षक है वो ही जिंदगानी
शिक्षक अक्षर-अक्षर हमें सिखाते, शब्द-शब्द का अर्थ बताते, कभी प्यार से कभी डाट से जीवन जीना हमें सिखाते।
ज्योति इनकी जलाई कभी बुझ नही सकती।
गुरु का हाथ हो सर पे, गरिमा(dignity) मिट नही सकती।
शिक्षक ईश्वर से बढ़कर है, ये कबीर बतलाते है।
क्योंकि शिक्षक ही भक्तों को, ईश्वर तक पहुँचाते हैं
आप से ही सिखा, आप से ही जाना,
आप को ही बस हमने गुरु है माना,
सिखा है सब कुछ बस आप से हमने,
शिक्षा का मतलब बस आप से ही है जाना।
आप हमें पढ़ाते हो, आप हमें समझाते हो,
हम बच्चों का भविष्यआप ही तो बनाते हो
जीने की कला सिखाते शिक्षक
ज्ञान की कीमत बताते शिक्षक
पुस्तकों के होने से कुछ नहीं होता
अगर मेहनत से नहीं पढ़ाते शिक्षक
आपने सिखाया पढ़ना आपने सिखाई लिखाई
गणित भी जाना आपसे आपने ही भूगोल बतायी
बारंबार नमन करता हूँ, स्वीकार करें बधायी
ऊपर दिए गए कविताओं और उनकी तस्वीरों को आप यहां से बेझिझक डाउनलोड कर व्हाट्सएप और फेसबुक पर प्रयोग कर सकते हैं।
शिक्षक दिवस पर निबंध भाषण और इतिहास आज की जानकारियों से भरपूर यह लेख अब यहीं पर समाप्त हो रहा है। उम्मीद करते हैं कि हमारा यह लेख आपकी शिक्षक दिवस संबंधी जानकारी को पूर्ण करने में कामयाब रहा होगा।
अधिक जानकारी के लिए आर्टिकल के अंत में FAQ के रूप में शिक्षक दिवस पर आधारित कुछ प्रश्न उत्तर दिए गए हैं।
FAQ
भारत में पहली बार शिक्षक दिवस कब मनाया गया था ?
भारत में पहली बार शिक्षक दिवस 5 सितंबर 1962 को मनाया गया था।
विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता हैं ?
विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। 5 अक्टूबर को विश्व के कुल 21 देश अपना शिक्षक दिवस मनाते हैं।
भारतीय शिक्षक दिवस के इतिहास किस महापुरुष से संबंधित है?
भारतीय शिक्षक दिवस का इतिहास भारत के पहले उपराष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन से संबंधित है।
भारत में शिक्षक दिवस किसके जन्म दिवस को मनाया जाता है?
भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत में 5 सितम्बर को ही शिक्षक दिवस मनाने का कारण क्या है?
1962 में देश के राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो कि एक महान शिक्षक थे। उन्हें सम्मानित करते हुये उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया। तब से लेकर इस दिन भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता हैं।
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