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विज्ञान क्षेत्र से 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी कर बीएससी करने वाले विद्यार्थी मेडिकल के क्षेत्र में भी सुनहरा भविष्य बना सकते हैं। अगर आप भी यह डिग्री के पश्चात असमंजस में है कि BSc ke baad kya kare, तो इस आर्टिकल में हम आपको BSc ke baad Medical Course से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
बीएससी के बाद मेडिकल कोर्स से संबंधित जानकारी प्राप्त करने से पहले बीएससी कोर्स और इस कोर्स के फायदे के बारे में जानना आवश्यक है
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बीएससी कोर्स क्या है | What is BSc Course
बीएससी कोर्स एक स्नातक डिग्री कोर्स है। जिस कोर्स को विज्ञान विषयों के साथ 12वीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात किया जा सकता है। यह कोर्स कुल 3 वर्ष की अवधि का कोर्स होता है। इस कोर्स में विज्ञान के विषयों से संबंधित विस्तारित शिक्षा प्रदान की जाती है।
मेडिकल कोर्स के लिए बीएससी करने के फायदे
विभिन्न प्रकार के मेडिकल कोर्स में प्रवेश का आधार बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई होता है। ऐसे में बीएससी कोर्स करने से किसी भी मेडिकल कोर्स में शैक्षणिक योग्यता से संबंधित कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है।
लगभग हर मेडिकल कोर्स के लिए बारहवीं कक्षा में विज्ञान विषय खासकर जीव विज्ञान होना आवश्यक होता है। इसके साथ ही प्रवेश परीक्षा के रूप में NEET की परीक्षा पास करना आवश्यक होता है।
NEET की प्रवेश परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। जिसे पास करने में विद्यार्थी को कई साल भी लग सकते हैं।
मेडिकल कोर्स में प्रवेश प्राप्त करने हेतु नीट की परीक्षा की तैयारी करते समय अधिकतर विद्यार्थी बीएससी कोर्स करना पसंद करते हैं। क्योंकि बीएससी कोर्स में विज्ञान विषयों की विस्तारित शिक्षा प्रदान की जाती है। जो नीट की प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल करने में मददगार साबित होती है।
इस प्रकार शैक्षणिक योग्यता का कोई लाभ ना प्राप्त होने के बावजूद भी मेडिकल कोर्स के लिए बीएससी कोर्स करना फायदेमंद साबित होता है।
BSc ke baad kya kare | बीएससी के बाद क्या करें
बीएससी की स्नातक डिग्री करने के पश्चात मन में अगर यह सवाल चल रहा है कि BSc ke baad kya kare तो जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि बीएससी के पश्चात विभिन्न प्रकार के मेडिकल तथा नॉन मेडिकल कोर्स किए जा सकते हैं। इस आर्टिकल में हम बीएससी के बाद मेडिकल कोर्स से संबंधित विषय पर चर्चा कर रहे हैं।
BSc ke baad Medical Course | Medical Courses After BSc
बीएससी कोर्स करने के पश्चात उन सभी मेडिकल कोर्स में प्रवेश प्राप्त किया जा सकता है। जिन कोर्स में प्रवेश प्राप्त करने की योग्यता विज्ञान विषयों के साथ 12वीं कक्षा होती है।
बीएससी करने के पश्चात भी 12वीं कक्षा की तरह ही हर मेडिकल कोर्स में प्रवेश लेने के लिए प्रवेश परीक्षा के रूप में नीट की परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करना आवश्यक होता है।
बीएससी के बाद मेडिकल कोर्स लिस्ट | Medical Courses After BSc List
बीएससी या 12वीं के बाद जिन मेडिकल कोर्स में प्रवेश प्राप्त किया जा सकता है उन प्रमुख कोर्सों की सूची नीचे दी गई है
MBBS | 5.5 years |
BDS | 5 years |
BPT | 4.5 years |
BAMS | 5.5 years |
BUMS | 5.5 years |
BHMS | 5.5 years |
BSMS | 5.5 years |
B.V.Sc | 5.5 years |
इन सभी प्रमुख मेडिकल कोर्स को करने के लिए प्रवेश परीक्षा के रूप में नीट परीक्षा देनी आवश्यक होती है
आइए अब बारी बारी से इन प्रमुख मेडिकल कोर्स के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं
एमबीबीएस कोर्स (MBBS Course)
मेडिकल क्षेत्र में रुचि रखने वाले अधिकतर विद्यार्थियों का सपना एमबीबीएस डॉक्टर बनना होता है इस कोर्स को पूरा करने के पश्चात डॉक्टर के रूप में सरकारी तथा प्राइवेट अस्पताल में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है इसके अलावा खुद का क्लीनिक खोल कर भी अपना भविष्य बनाया जा सकता है
इस कोर्स को करने के लिए 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों का होना आवश्यक है। जिसमें जीव विज्ञान प्रमुख विषय है 12वीं के पश्चात प्रवेश परीक्षा नीट में सफलता हासिल करना आवश्यक है इस कोर्स की कुल अवधि 5 वर्ष और 6 महीने होती है जिसमें एकेडमिक शिक्षा और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दोनों शामिल हैं।
कोर्स का नाम | Bachelor of Medicine, Bachelor of Surgery – MBBS |
कोर्स की अवधि | 5.5 वर्ष |
योग्यता | 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ 50% अंक |
न्यूनतम आयु | 17 वर्ष |
स्वीकृत प्रवेश परीक्षा | NEET-UG |
अधिक जानकारी | Click👉 MBBS |
बीडीएस कोर्स (BDS Course)
जो विद्यार्थी दांतो का डॉक्टर बनना चाहता है, वह विद्यार्थी बीएससी करने के बाद मेडिकल कोर्स के रूप में बीडीएस कोर्स का चुनाव कर सकता है। इस कोर्स में दातों मसूड़ों से संबंधित रोगों और उनके उचित उपचार से संबंधित शिक्षा प्रदान की जाती है।
एमबीबीएस कोर्स की तरह ही इस कोर्स को भी बारहवीं कक्षा के पश्चात किया जा सकता है और इसमें भी नीट के माध्यम से प्रवेश प्राप्त होता है। इस कोर्स में कुल समय लगभग 5 वर्ष लगते हैं जिसमें 1 वर्ष की आवश्यक इंटर्नशिप ट्रेनिंग शामिल है।
कोर्स का नाम | Bachelor of Dental Surgery (BDS) |
कोर्स की अवधि | 5 वर्ष |
योग्यता | 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ 50% अंक |
न्यूनतम आयु | 17 वर्ष |
स्वीकृत प्रवेश परीक्षा | NEET-UG |
अधिक जानकारी | Click👉 BDS |
बीएएमएस कोर्स (BAMS Course)
जिन विद्यार्थियों की रुचि आयुर्वेदिक चिकित्सा में होती है उनके लिए यह कोर्स एक बेहतरीन विकल्प होता है। इस कोर्स में आयुर्वेदिक दवाइयों और शल्य चिकित्सा से संबंधित शिक्षा प्रदान की जाती है। एमबीबीएस और BDS की तरह ही इस कोर्स में भी मीट के माध्यम से ही प्रवेश प्राप्त होता है।
बीएएमएस कोर्स को करने के लिए कुल 5 वर्ष और 6 महीने का समय लगता है। इस समय में 1 वर्ष की आवश्यक इंटर्नशिप ट्रेनिंग भी शामिल है।
कोर्स का नाम | Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS) |
कोर्स की अवधि | 5 वर्ष |
योग्यता | 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ 50% अंक |
न्यूनतम आयु | 17 वर्ष |
स्वीकृत प्रवेश परीक्षा | NEET-UG |
अधिक जानकारी | Click👉 BAMS |
बीएचएमएस कोर्स (BHMS Course)
मेडिकल शिक्षा से संबंधित बीएचएमएस कोर्स होम्योपैथिक चिकित्सा पर आधारित होता है। जो विद्यार्थी होम्योपैथिक दवाइयों के डॉक्टर बनना चाहते हैं, वह इस कोर्स के माध्यम से अपना सपना पूरा कर सकते हैं।
सभी कॉलेज इस कोर्स के लिए भी प्रवेश का आधार नीट की परीक्षा को ही मानते हैं। इस कोर्स के लिए भी अंत में 1 वर्ष की इंटर्नशिप ट्रेनिंग प्राप्त करनी आवश्यक होती है। इस कोर्स को लगभग 5.5 वर्ष में पूरा किया जा सकता है।
कोर्स का नाम | Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery (BHMS) |
कोर्स की अवधि | 5 वर्ष |
योग्यता | 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ 50% अंक |
न्यूनतम आयु | 17 वर्ष |
स्वीकृत प्रवेश परीक्षा | NEET-UG |
अधिक जानकारी | Click👉 BHMS |
बी यू एम एस कोर्स (BUMS Course)
यह मेडिकल कोर्स यूनानी पद्धति की चिकित्सा पर आधारित है। यूनान पद्धति की चिकित्सा में रुचि रखने वाले विद्यार्थी इस कोर्स को कर सकते हैं। भारतीय कॉलेजों में इस कोर्स में प्रवेश प्राप्त करने के लिए नीट की परीक्षा को ही आधार माना जाता है। अन्य कोर्सो की तरह इस कोर्स में भी 1 वर्ष की आवश्यक ट्रेनिंग इंटर्नशिप के रूप में करनी आवश्यक होती है। इस ट्रेनिंग को मिलाकर यह कोर्स लगभग 5.5 वर्षों में पूरा किया जा सकता है।
कोर्स का नाम | Bachelor of Unani Medicine and Surgery (BUMS) |
कोर्स की अवधि | 5 वर्ष |
योग्यता | 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ 50% अंक |
न्यूनतम आयु | 17 वर्ष |
स्वीकृत प्रवेश परीक्षा | NEET-UG |
अधिक जानकारी | Click👉 BUMS |
बीएसएमएस कोर्स (BSMS Course)
यह कोर्स दक्षिण भारत के प्राचीन चिकित्सा प्रणाली पर आधारित है। इस कोर्स की प्रमुख भाषा तमिल होती है। जो विद्यार्थी इस प्राचीन चिकित्सा प्रणाली का अध्ययन करना चाहते हैं। वे इस कोर्स में नीट परीक्षा के माध्यम से प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।
इस कोर्स में लगने वाले समय की बात की जाए तो अन्य कोर्स की तरह ही इस कोर्स में भी 5 वर्ष और 6 महीने का समय लगता है। इस कोर्स को पूरा करने के पश्चात विद्यार्थी सिद्ध चिकित्सा प्रणाली का डॉक्टर कहलाता है।
कोर्स का नाम | Bachelor of Siddha Medicine and Surgery (BSMS) |
कोर्स की अवधि | 5 वर्ष |
योग्यता | 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ 50% अंक |
न्यूनतम आयु | 17 वर्ष |
स्वीकृत प्रवेश परीक्षा | NEET-UG |
अधिक जानकारी | Click👉 BSMS |
बीवीएससी कोर्स(B.V.Sc Course)
यह कोर्स पशु पक्षियों की चिकित्सा पर आधारित होता है। इस कोर्स में जानवरों के रोगों तथा उनके उपचार से संबंधित शिक्षा प्रदान की जाती है। यह कोर्स भी नीट प्रवेश परीक्षा के अंतर्गत ठीक होता है। इस कोर्स को पूरा करने में भी 5.5 वर्ष का समय लगता है।
कोर्स का नाम | Bachelor in Veterinary Science (B.V.Sc) |
कोर्स की अवधि | 5 वर्ष |
योग्यता | 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ 50% अंक |
न्यूनतम आयु | 17 वर्ष |
स्वीकृत प्रवेश परीक्षा | NEET-UG,RPVT, KEAM, KCET, and WBJEE |
अधिक जानकारी | Click👉 B.V.Sc |
बीपीटी कोर्स (BPT Course)
फिजियोथैरेपी में कैरियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थी बीपीटी कोर्स का चुनाव कर सकते हैं। यह कोर्स फिजियो थेरेपी पर आधारित कोर्स है। अन्य कोर्स के मुकाबले इस कोर्स की अवधि 4.5 वर्ष होती है।
कोर्स का नाम | Bachelor of Physiotherapy (BPT) |
कोर्स की अवधि | 4.5 वर्ष |
योग्यता | 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ 50% अंक |
न्यूनतम आयु | 17 वर्ष |
स्वीकृत प्रवेश परीक्षा | NEET-UG, IPU CET, SRMJEEH, BCECE, CPNET |
अधिक जानकारी | Click👉 BPT |
ऊपर बताए गए सभी को वर्तमान समय में नीट की प्रवेश परीक्षा पर आधारित होते हैं। इसके अलावा और भी बहुत सारे बीएससी के बाद मेडिकल कोर्स हैं जिन्हें बिना NEET की प्रवेश परीक्षा दिए किया जा सकता है।
बिना NEET के बीएससी के बाद मेडिकल कोर्स लिस्ट | Medical Courses List Without NEET
जो विद्यार्थी बीएससी कर चुके हैं और मेडिकल क्षेत्र में कोई कोर्स करना चाहते हैं। लेकिन वे NEET की कठिन परीक्षा का सामना नहीं करना चाहते। वह विद्यार्थी नीचे दिए गए इन कोर्स में से किसी का भी चयन कर चिकित्सा के क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते हैं।
- Bachelor of Pharmacy
- Bachelor of Occupational Therapy
- Bachelor of Technology (B.Tech) in Biomedical Engineering
- Bachelor of Science in Biotechnology
- Bachelor of Science in Cardiac or Cardiovascular Technology
- Bachelor of Science in Microbiology (Non-Clinical)
- Bachelor of Respiratory Therapy
- Bachelor of Arts (BA) in Healthcare Management
- Bachelor in Psychology
ऊपर दी गई इस सूची में से कई कोर्स नीट आधारित कॉलेजों में भी उपलब्ध होते हैं। जबकि बहुत से ऐसे कॉलेज होते हैं। जो इन कोर्स के लिए NEET के स्थान पर अन्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं जो नीट के मुकाबले काफी आसान होती है।
कुछ कॉलेज इन के लिए मेरिट के आधार पर प्रवेश प्रदान करते हैं।
BSc ke baad kya kare पर आधारित इस आर्टिकल में आपने बीएससी कोर्स करने के पश्चात चिकित्सा क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के विकल्पों के बारे में जानकारी प्राप्त की
अब इससे संबंधित कुछ आम प्रश्न उत्तर दिए जा रहे हैं जो उन विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो सोचते हैं कि बीएससी के बाद क्या करें
FAQ
चिकित्सा क्षेत्र में कोर्स करने के लिए कौन-कौन से विषय आवश्यक है?
चिकित्सा के क्षेत्र में कोई भी कोर्स करने के लिए 11वीं तथा 12वीं कक्षा में जीव विज्ञान विषय का होना अनिवार्य होता है।
12वीं कक्षा में जीव विज्ञान विषय ना होने पर कोई चिकित्सा कोर्स किया जा सकता है?
जी हां! 12वीं कक्षा में भौतिक तथा रासायनिक विज्ञान के विषयों के साथ गणित विषय रखने वाले विद्यार्थी चिकित्सा के क्षेत्र में फार्मेसी से संबंधित डिग्री या डिप्लोमा कर सकते हैं।
क्या नीट की परीक्षा में भाग लिए बिना एमबीबीएस किया जा सकता है?
जी नहीं! भारतीय नियमों अनुसार एमबीबीएस में प्रवेश प्राप्त करने हेतु नीट की प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त करना आवश्यक है।
बीएससी की डिग्री कोई मेडिकल कोर्स करने में क्या लाभ होता है?
बीएससी के कोर्स में विज्ञान के विषय में विस्तारित शिक्षा प्रदान की जाती है। यह शिक्षा किसी भी मेडिकल कोर्स में प्रवेश लेने हेतु नीट की परीक्षा की तैयारी में सहायक होती है।
बीएससी करने के बाद क्या मेडिकल कोर्स हेतु शैक्षणिक योग्यता में लाभ मिलता है?
जी नहीं! बीएससी के पश्चात कोई भी मेडिकल कोर्स करने के लिए बीएससी की स्नातक डिग्री का कोई शैक्षणिक योग्यता लाभ नहीं मिलता है। सभी मेडिकल कोर्स बारहवीं कक्षा की योग्यता पर ही आधारित होते हैं।
बीएससी किस विषय से करनी चाहिए ताकि मेडिकल कोर्स में लाभ मिल सके?
बीएससी कोर्स को जीव विज्ञान के विषयों के साथ करने से भविष्य में चिकित्सा से संबंधित अन्य कोर्स करने में सहायता प्राप्त होती है। हालांकि शैक्षणिक योग्यता के रूप में बीएससी का कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होता है।
निष्कर्ष
बीएससी के बाद क्या करें एवं BSc ke baad Medical Course पर हमारा यह आर्टिकल अब यहीं पर समाप्त हो रहा है। इस आर्टिकल के माध्यम से आपने 12वीं और बीएससी के बाद किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के चिकित्सा से संबंधित कोर्सों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
आप जिस भी सवाल को लेकर हमारे इस आर्टिकल तक पहुंचे हैं। उम्मीद करते हैं कि आपके उस सवाल का संतोषजनक जवाब हमारे आर्टिकल से आपको प्राप्त हुआ होगा।
फिर भी अगर कोई ऐसा सवाल है, जिसका उत्तर हम इस हट कल के माध्यम से देने में असमर्थ रहे हैं। तो नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से उस सवाल को हमारे तक अवश्य पहुंचाएं।
हम आपसे उस सवाल का जवाब शीघ्र ही आप तक पहुंचाने का प्रयत्न करेंगे।
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